by Vinod Kumar Prajapat at December 14, 2014 at 11:35PM
जॉइंट सेशन में कानून लाने के लिए आवश्यक सीटों की जरुरत, (545+243) +1 =788 की , 50% यानि 395 सीट। . भाजपा की लोकसभा में सीटो की संख्या -282 राज्य सभा में संख्या - 45 कूल = 347 , तो बहुमत के लिए 48 और चाहिए। . एन डी ऐ की लोकसभा संख्या - 334 राज्य सभा में एन डी ऐ की संख्या =60 कूल=394 , तो खली एक सीट की जरुरत। . और सत्ताधारी पार्टी आराम से 5-10 सांसदों को खरीद सकती है। इसके अलावा कुछ रिक्तिया भी रहती है जिससे बहुमत 395 से काम हो जाएगा. . तो राजग के प्रयाप्त सीटें है कोई भी कानून संसिया प्रणाली में पास करने के लिए। . तो यह कहना की राज्य सभा में बहुमत न होने की वजह से कुछ कानून जैसे बांग्लादेशियो को भागने के लिए , मंदिरो को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए , गो हत्या रुकवाने के लिए , अदालतों और पुलिस में भ्रष्टचार काम करने के लिए , आदि पास न करना सफ़ेद झूट है और कुछ नहीं। . (** - हम धर्म परिवर्तन पर कानून लेन का समर्थन नहीं करते ) . (** हम गो हत्या के लिए केंद्रीय कानून का समर्थन नहीं करते क्यूंकि पुलिस राज्य सरकार के कंट्रोल में होती है और यही कसाइयों को पैसे खाके चोर देती है , पर भाजपा/जनसंग 1950 से केंद्रीय कानून की मांग कर रही है। ) . कांग्रेस के पास तो आजादी के बाद से ही बहुमत है लेकिन उनकी मंशा नहीं है। . आप पार्टी यह तर्क देती है की बोत से जरुरी कानून हम इसलिए नहीं ला पा रहे है क्युकी हमारे सिर्फ 4 सांसद है। खेर निजी सदस्य विधेयक पेश करने के लिए एक पार्टी के एक ही सांसद की जरूरत होती है। . तो कार्यकर्ता और आम नागरिक इन सभी पार्टियो के पीछे अपना समय व्यर्थ न करे। यह सभी एक जैसे है। बल्कि इनसे मांग करे ऐसे कानूनी ड्राफ्ट की जिनसे समस्या दूर हो सकती है। उन कानून ड्राफ्ट को पढ़े और फिर उस हिसाब से किसी व्यक्ति और पार्टी को वोट करे।
by Vinod Kumar Prajapat
from Right to Recall Group http://ift.tt/1qQMQ8Y
via Bhavik Barai
by Vinod Kumar Prajapat
from Right to Recall Group http://ift.tt/1qQMQ8Y
via Bhavik Barai